#3
यु ही नही होते सुन्दर गुल्फाम शबनम मे, .....................
आग मेंं खुद को तपाना पडता है ।
मंजिल की ललक तो सबमें होती है।
पर उसके काबिल खुद को बनाना पडता है ।।
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